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Friday, February 25, 2011

बजेट का प्रतिभाव

आज दो बजेट पेश हुए ,एक ममता दीदी का रेल और दूसरा गुजरात का स्वर्णिम ,मगर दोनों बजेट सिर्फ नामके हे,रेल में हमेशा बेठने के लिए जगह नहीं होती,और लोग मरते हे,दूसरी और स्वर्णिम कहलाने वाला गुजरात का बजेट में लोगो राहत की बजाय टैक्स मिला,यानि की भ्रस्टाचार करते नेता हे और भुगतना.......(जनता को हे)तो दुनिया की सबसे बड़ी लोकशाही में कही भी लोगो का साशन नहीं दीखता (नेता ओ का लग रहा हे,) जनता जाये तो भी कहा जाये?...

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very nice