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Saturday, June 26, 2010

दिल की बात - ......

में जब पैदा हुआ तब सुकर करू देश के वीर जवानो का जिसकी वजह से देश आजाद हो गया था ,मगर में जिस छेत्र में जुड़ा हु ,वो मीडिया छेत्र से हमारे देश में चल रहा रिश्वत का कारोबार का पता चला,बहोत दुःख के साथ कहना पड़ता हे की ,सायद में जानता नहीं हु फिर भी ब्रिटिश सल्तनत आज की सरकारों और राजनेता ओ से अछी होंगी,हमारे देश में तिन प्रकार के लोग रहते हे,एक जो अमीर हे,दूसरा जो मध्यम और तीसरा गरीब ,मगर देश के कानून का गलत इस्तमाल करके हमारे कहलाते राजनेता ओ ने इसे देश को तिन छेत्र में बाँट दिया हे..आज आम आदमी छोटा सा गुनाह करता हे तो उन्हें सजा मिल तजि हे ,वो गलत भी नहीं हे,क्युकी गुन्हा करता हे तो सजा मिलनी भी चाहिए,मगर अमीर आदमी हजारो करोड़ का चुना लगा देता हे,मोत के सोदगारो से रिश्ता रखता हे,कानून से खिलवाड़ करता हे,गलत इस्तेमाल करता हे,इसे बड़े लोगो को सजा की बजाय कानून उसे पोस्ता हे,क्या यही दुनिया की सबसे बड़ी लोकशाही हे, आज कानून के रक्षक खुद भक्षक बनते जाते हे,एक गाव की बात करू तो गाव में पुलिसे नहीं थे तो गाव वालो ने पुलिसे की मांग की और पुलिस थाना लग गया मगर अब पुलिस गाव वालो को रक्षा देने की बजाय उनसे ही हप्ता लेने लगी ,गाव वालो ने फिर मांग की की अब हमे पुलिस की जरुरत नहीं हे हम संभल लेंगे मगर तब तो बहोत देर हो चुकी थी....ये हल हे हमारे देश का हम कानून बनाते हे मगर वो गरीब के लिए ही बनाते हे,आज सरकार तेल की दाम भी कम्पनी ओ को सोप दी,जरा सोचो हमारे देश में उधोयोग पति राजनेता ओ को चुनाव के लिए फंड देकर खरीद लेता हे ,और बाद में उनकी भलाई के लिए कानून को भी बदला जाता हे,आज गरीब और गरीब बनता जा रहा हे और अमीर और अमीर,हमारे देश की हालत एक तोफानी समुद्र में तेर जाती नव की तरह हो गयी हे,आज हर तरफ बस एक ही नारा लगा हे लूटो जीना लुट सको उतना ,कहा जाके रुकेगा ये देश..................मुझे कभी कभी एसा लगता हे की कर्म के सिधान्तो से जोभी विपरीत चलता हे उसका उनजाम गीता में दिए गए करम के सिधांत के अनुसार उन्हें मिलता ही हे....तो जो चीज हमारी नहीं हे तो फिर गलत करके एकता करही क्यों रहेहे,सोचो भगवन राम अगर वनवश जाते वक्त अगर अपनी पहेचन लगे होती तो वोह वन में भी नहीं जाते और अपने बाप को भी बचा लेते मगर उन्हों ने एसा नहीं किया क्युकी वोह कर्म की विरुद्ध था तो हमे ये सोचना चाहिए की हम तो कुछ नहीं हे भीर भी अपनी पहेचन लगाने में पड़े हे,ये मत भूलो की हर व्यक्ति जो जन्म लेती हे उसका मोत भी पका हे तो आज आप मिनिस्टर होंगे मगर वो तो धरती पर हे..इसलिए गलत रस्ते से बचाना चाहिए........इसुदान गढ़वी