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Thursday, June 9, 2011

परदे के पीछे

परदे के पीछे ...एक काल्पनिक हकिकत -बाबा का अनशन चल रहा था तब कांग्रेश के नेता लोग अपश में बात कर रहे थे,कपिल सिम्बल-अरे यार ५ बज गए बाबा ने अनशन नहीं तोडा-,चिदमरम -बाबा के साथ बीजेपी और आर एस एस जुदा हुआ हे,-कपिल -तो क्या करेंगे ,चिदंबरम-करना क्या हे,वही जो करना चाहिए,ताकि इसे आन्दोलन करने से दुसरे भी दर जाये,कपिल ठीक हे तो करे प्लान....(दुसरे दिन )कपिल-बाबा का ठीक हो गया मगर अन्ना का क्या करे-चिदंबरम -उसे कोई नहीं हिला सकता...क्युकी वो हमारी तरह खाता थोडा ही न हे....

केंद का जूठ

केंद्र में बेठे कपिल सिम्बल से लेकर सभी नेता एक ही गाना गा रहेथे की इ.राजा से लेकर सभी 2g में निर्दोष हे,मगर सुप्रीम कोर्ट की वजह से सभी जेल में हे,तो बिना तलाश किये हुए ऐसे पद से जूठ बोलने वाले को क्या सजा देनी चाहिए?

अन्ना का अनशन

अनशन हो तो सिर्फ अन्ना जेसा वर्ना ना हो......

सरकार की चल

तेल के दाम बढ़ने में सरकार ये कहेते हुए जनता को बेवकूफ बनाति हे ,की तेल कम्पनियों को घाटा होता हे,मगर सरकार के अमल्दारो और नेता ओ ने जेसे ही दाम बढे उनका टैक्स भी बढ़ जाये एसा नियम बनाये बेठे हे और फिर कहेते हे घाटा हो रहा हे...सरकार को ५ साल से ज्यादा सता ही नही देनी चाहिए...