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Thursday, December 2, 2010

कोन सही कोन जूठा -

कांग्रेश के राज में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खुल गई हे,दिल्ही में बेठी सरकार आज आम आदमी के साथ धोखा कर रही हे,और जेपीसी की मांग न मानने की एक वजह ये भी हे की खुद पीएम भी इस दायरे में आ जाते हे,और हालत ये हुई हे की आज कितने दिनों से संसद चल नहीं रही--तो बीजेपी भी दूध की धूलि नहीं हे ,मगर उन्हें अभी दिल्ही की गदी मिली नहीं हे बस फर्क इतना ही हे,क्युकी कर्नाटक में यदुरापा आज भी चालू हे,और बीजेपी के प्रमुख अपने बेटे की सादी में जनता से लूटे करोडो रुपये उड़ा रहा हे ये इसका नमूना हे----मतलब देश की जनता को कोई भी राजकीय पार्टी मोका मिलते ही लूटना चालू कर देती हे...ये नेताओ ने तो ६६ साल में ही अंग्रेजो को भी अच्छा कहलाने लगे हे..और अभी भी ये सिलसिला बंध नहीं हुआ ..दुःख तो ये बात का हे की छोटी मांग को लेकर सड़क पर अ जाती भारत की जनता इन मुदो के सामने क्यों चुप बेठी हे?...
जहापनाह -बीरबल भारत का क्या खबर हे,बीरबल-जहापनाह भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भ्रष्टाचार की खबरे आ रही हे, ओर अंग्रेजो ने २०० साल में नहीं लुटा उतना भारत के अनपढ़ नेताओ से लेकर पढाई में अवल रहेनेवाले ऑफिसर'स ने लुट लिया हे...और इतना ही नहीं ये सिलसिला बढता ही जा रहा हे..........

Friday, October 1, 2010

क्या हाल बनाया

कॉमनवेल्थ गेम्स में जिस तरह देश की ध्जिया कुछ नेता ओ ने उड़ाई हे वो हम मेडल जीतकर भी वापश नहीं दिला सकते ,लेकिन इससे भी दुःख की बात तो तब हुई की जब ये कॉमनवेल्थ गेम्स की गेम भारत में लानेके लिए कलमाड़ी एंड कम्पनी ने लांच देकर आयोजन किया ताकि उनकी जेब उनके पौते तक खाली न हो....देश का यह हाल हुआ फिर भी उन लोंगों को जेल में बंध करने की तो छोडो उनके खिलाफ कारवाही तक नहीं हुई...क्या हाल बनाया हे हमारे प्यारे देश का इन जानवर जेसे नेता ओ ने....लेकिन एक बात से ये खुसी भी हुई की अयोध्या का फेशला आने के बाद भी हमारे देश के लोग शांति बनाते हुए उन लोगो को फोल्लो नहीं किया जो देश को भड़काने के काम करते हे...यानि के अब हमारे देश में लोग मंदिर मस्जिद में उलजने की बजाय विकाश की और सोचने लगा हे....जय हिंद जय भारत .

Wednesday, August 11, 2010

गाँवो में राजनीती .....

आज कल राजनीति छोटे गाँव से लेकर दिल्ही तक फेल चुकी हे,गाँवो में जाता हु तब देखकर बहोत बुरा लगता हे की एक माँ के दो बच्चे राजनीती के कारन एक दुसरे की खीचतान करते हे,इतना ही नहीं गन्दी राजनीती सिर्फ दिल्ही में ही नहीं देश के छोटे से छोटे गाँव की गली तक खेली जा रही हे,इतना ही नहीं दुःख तो तब होता हे की गाँवो में राजनीती जब हावी होती हे तो वो सब्दो से नहीं बल्कि हथियार से लड़ी जाती हे ,(दिल्ही में तो कमसे कम सब्दो से लड़ी जाती ह)और कम पढ़े लिखे गाववाले इनका शिकार होते हे,आज से पाच साल पहेले मेने वही गाव की सेर कीथी तब सब एक होने का एहसास होता था मगर आज राजनीती ने उन लोगो को इतना खोखला बना दिया की सालों से साथ काम करते वो गाँव वाले आज ,यह तो भाजप का हे ,और यह कांग्रेश और वो उस पार्टी का आदमी हे जेसे लेबल लगा दिए हे और वो भी खुद उसी गाँव वालो ने....गाँव में एक अच्छा काम करने के लिए एकजुट भी नहीं हो पा रहे ये लोग ,और एसा नहीं हे की भारत का ये एक ही गाँव जिसमे राजनीती हावी हे ,अब तो ये मुस्किल हो गई हे की बिना राजनीती का गाँव ढूँढना मुस्किल हो गया he,क्या हाल बना दिया हे राजनीती ने इन भोले भाले गाँव वालो का,ये सोचकर बहोत दुःख हुआ....और गुलाम देश में जिस तरह अँगरेज ने विभाजन वाली निति अख्तियार कीथी उसी तरह आज फिर देश में राजनीती पार्टी या अपनी रोटीया पका रह ही हे.और भोले भाले गाँव वाले उसका शिकार बन रहे हे..(सब्दो में कुछ भूल हो तो ठीक से पढने की बिनती )......

Sunday, August 8, 2010

जिदगी

कल जिन्दगी का आखरी दिन हे एसा सोचकर जीने वाला दुसरो का ज्यादा बुरा नहीं करेगा ,तो क्यों न इसे ही जिए......

Friday, July 23, 2010

कर्म का सिधांत --

आज गुजरात में खलबली मच गई हे,गांधीनगर से लेकर पान के गले तक एक ही बात चर्चा में हे ,की गृह राज्यमंत्री का क्या होगा? कई लोग तो अटकले भी लगेने गले हे,ये होगा ,वो होगा...विगेरे ..मगर ये कम सीबीआई का हे वो करेगी हमें अभी कोई अपना व्युस नहीं देना हे ,,हमे इसे कुछ और नजरिये से देखना हे,- एक बात इससे साफ होती हे की आप कितने ही बड़े क्यों न हो,कर्म का सिन्धांत आपको नहीं छोड़ेगा ..सता के नशे में आदमी को कुछ समय तक एसा लगता हे की में तो बड़ा अफ्शर हु,में मिनिस्टर हु,मेरे पर बड़े बड़े लोगो का हाथ हे,विगेरे ...लेकिन वो यह नहीं समजते की उपरवाला सब हिसाब करता हे और वो भी बिना रिस्वतके-आप जब किसीको अन्याय कर रहेहे वो सही हे और जब आपके कर्म का बदले की सुरुआत होती हे तो गलत हे...अरे वाह ..मगर सब आपकी तरह रिश्वत खोर भू नहीं होते न...और उससे भी आगे भगवान तो बिलकुल नहीं...इसलिए सही कहा हे की कर्म का सिधांत किसीको नहीं छोड़ता ....तो आज से आप भी सता के मद में किसीको अन्याय या किसीका बुरा करते हो तो बंद कर दीजिये गा ,क्युकी हिसाब तो होने वाला ही हे दोस्त.....फिर आप मिनिस्टर ही क्यों न हो...जय माताजी...

Wednesday, July 14, 2010

मुलाकात----

आज के राजनेता ओ का कार्य देख कर सोचा की भगवान क्या सोचते होंगे ,और एक काल्पनिक मुलाकात करली ॥
में-पहेले सादर प्रणाम प्रभु
गोड-प्रणाम
में-प्रभु एक उलज़ंन थी ,इसलिए सोचा की अगर आप समाधान करवा दे तो ,
गोड -क्या ,यही न की राजनेता ओ देश को लुंट रहे हे और उनका कुछ बुरा नहीं होता?
में- आपकी आशीष प्रभु ,सही पहेचाना,मुझे बार बार यही सवाल मनमे उठता हे की,भाजप ,कांग्रेश ,और सभी पार्टी के राजनेता किसी न किसी तरह देश को लुंट रहे हे,और महेंगाई बढ़ा रहे हे ,वो एक्स हो कर भी सभी लाभ उठाते हे,उन्हें सबकुछ मुफ्त में मिलता हे,और उनकी तन्खाये तो महगाई से भी ऊँची दर से बढ़ रही हे,इसमें से कुछ तो जब राजनीती में आए तब मजदुर थे और अब प्लेन में घूम रहे हे,इतना सब होने के बावजूद इनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता ?.....
गोड- देश को लुंट रहे हे वो सही हे ,वो गलत करते हे वो भी सही हे, मगर कोई कुछ उनका बिगाड़ नहीं सकता,, वो तुम्हारी ही नहीं सभी भगतो की बड़ी गलती हे,हिसाब सबका होता हे,इन्ह लोगो का कुछ पुन्य पूर्व जन्म का इसे जन्म का होता हे उसी वजह से उनकी कुछ समय तक गडी चलती हे मगर जब उनके पुन्य से ज्यादा पाप का हिसाब बढ़ जाता हे तब आपने देखे होंगे कही राजनेता ,अफशरो,उद्योगपति ,वगेरे का क्या हाल हुआ हे और होते हे,तो ये तो उनको एक क्षणिक मोका दिया जाते हे कुछ अच्छा करने का ,मगर वो कर नहीं पाते हे,और वो इसे क्षेत्र में आकर उनके और जन्मो को भी बिगाड़ देते हे,और ये मत समजो की में हिसाब नहीं करता ,आपके हर कर्म का हिसाब बिना रिश्वत यहा होता हे,और वो पैसा इकठा करते हे वो सब से बड़े मुर्ख हे,क्युकी उनके साथ वो आता तो हे नहीं,वो तो सिर्ह्फ़ मेरी फेलाई हुई माया हे,वो तो मेरे पास ही रहेगी भीर भी वो समजते हे की हमने इस राजनीती में बहोत कमाया मगर उनका भ्रम हे,आप तो देखते हे न की कुछ लेकर साथ गए हे क्या? नहीं न तो मगर में कहेता हु की वो मेरे पास क्या लेकर ए ,वो उनके किये हुए कर्म लेकर मेरे पास आए ,वो सम्पति तो मेरी ही थी और फिर भी मेने उन्हें अगर वो सम्पति अछे काम में खर्च करेंगे तो अच्छा कर्म देने का भी वादा किया मगर इसने तो वो नहीं किया ,उल्टा बुरे कर्म में ही उपयोग किया,इसलिए देखो ये जो भी कर रहे हे वो उन्हें भुगतना ही पड़ेगा ......अब ई बात समज्मे,और उनका कर्म के हिसाब से मेरे पास चुकते करना ही हे,॥

में- ओह्ह प्रभु आपने तो इसी मुलाकात दी ,की ये न सिर्फ मेरे मीडिया क्षेत्र में सिमित रही मगर मेरे जीवन को ही भा गई.......जय श्री कृष्ण॥