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Sunday, January 31, 2010

मनुष्य के कृत्यों को देखों! तीन हजार वर्षों में पाँच हजार युद्ध आदमी ने लड़े हैं। उसकी पूरी कहानी हत्याओं की कहानी है, लोगों को जिंदा जला देने की कहानी है- और एक को नहीं, हजारों को। और यह कहानी खत्म नहीं हो गई है। क्या तुम सोचते हो आदमी बंदर से विकसित हो गया है? किसी बंदर ने अब तक किसी दूसरे बंदर को जिंदा तो नहीं जलाया।। कोई बंदर न तो हिंदू है, न मुसलमान है, न ईसाई है; बंदर सिर्फ बंदर है।-osho

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very nice