पहेली बार जब आम आदमी पार्टी दिल्हीमां जीत कर आइ तब संयोजक केजरीवालने एक अन्टरव्युमे ये बात कह कर सब को चोंका दिया था की अभी तक के राजनिती पार्टी के नेताओ को राजनिती करनी ही नही आती...राजनिती लालबहादुर शास्त्रीने की थी...इस बात को साबीत तब उन्होने कर दिया की कुछ दिन पहेले आम आदमी पार्टी के नेता की फर्जी डिग्री सामने आई। ।अरविंद केजरीवाल के विरोधीओ को एसा मोका मिला की उन्होने अरविंद के सामने जहर फैलाना शरू कर दिया .लेकिन अरविंदने डीग्री फर्जी हे की नही उन्की तहकीकात जब तक पुरी नहीं हुइ उसने कुछ नही बोला...ओर जब ये बात सामने आइ की अरविंदने एसा पासा फेंका की सब की बोलती बंध हो गइ...केजरीवालने माना की हमारे साथ धोखा किया हे यानी की आप इस मंत्री के साथ नही है...इतना ही नही केजरीवालने यह कबकर मोदी की केबीनेटमां हडकंप मचा दी की...हमारी तरह ही पीएम को भी कुछ मंत्रीओ धोखा कर रहें है ...उसकी भी जांच कर मोदीजी को भी एसे मंत्रीओ को अपनी केबीनेटने दुर कर देना चाहीए....स्मृती इरानी पर निशान साध कर उन्होनें अपनी राजनिती का एसा पासा फेंका की आम आदमी पार्टी गलत काम या लोग चला नही लेती जबकी मोदी सरकार गलत काम ओर लोंगो को साथ देती हें...इसको कहेते हे असली राजनिती.............

Get social and current affairs and deep analysis with me from the bottom of my heart...as a Editor of Vtv news channel and passionate with helping people about their key issues, I always prefer to highlight the major issues which can bring fruitful results in the favor of People. I consider love and respect of peoples as my Awards for lifetime. I am Here for the People, To the People and always stand by your side.
Friday, June 26, 2015
Sunday, March 8, 2015
गुजरात में पिछले १८ सालो से भाजपा साशन कर रही हे। कांग्रेस के आज के युवा नेता ओ को गुजरात में कांग्रेस की सत्ता की याद भी नहीं अति होगी। ऐसा नहीं हे की गुजरात में कांग्रेस महेनत नहीं कर रही हे। ऐसा भी नहीं हे की भाजपा ने गुजरात में विकाश के चाँद उतार दिए हे। मगर गुजरात में पिछले कई सालो से हिन्दू वादी राजनीती ने अपनी पकड़ जमा ली हे। और हाई कमांड के आदेश के चलते गुजरात के कांग्रेस के नेता ओ अल्पवादी राजनीती को ही अपना कर्म मानकर गुजरात में पार्टी की पकड़ ज़माने में विफल रहे हे। उसका सीधा फायदा भाजपा को मिल रहा हे। भाजपा ने विकाश के नाम पर गुजरात में भ्रष्टाचार को बढ़ाया हे ये खुद भाजपा के ही कही नेता मान रहे हे । और गुजरात की जनता के पास तीसरी अच्छी पार्टी का विकल्प भी तो नही हे. अगर कांग्रेस को गुजरात में सत्ता हासल करनी होगी तो उसको मुद्दो के साथ अपनी अल्पवादी राजनीती को छोड़नी होगी। हलाकि ये करने में कांग्रेस के अपने मूल से भटकने का रास्ता अपनाना होगा . ।मगर सत्ता पाने के लिए बाजपा ने तो जम्मू कश्मीर में अपना मूल छोड़ कर ही सत्ता पाई हे.. देखते हे २०१७ के लिए कोंग्रेश भी वाही रास्ता अपनाती हे की फिर २०२२ तक का फिर एक बार इतंजार करने का मन मनाती हे। अक्षर राजनीती उसीको कहते हे जिसमे ऊसल कम राजिनती ज्यादा होती।
Saturday, February 14, 2015
kejrival ki jit ka raz..or vikash kiska...?janta ka ya ...
दिल्ही के चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई थी … एक मीडिया कर्मी के तोर पर मेने इस चुनाव को अलग नजरिए से देखा हे। किरण बेदी की एंट्री होते ही कही चैनल्स ने बीजेपी के इसारे सर्वे चलना शुरू कर दिया था। मीडिया वाले के तोर पर हम स्टोरी के पीछे का राज़ बहुत जल्द पकड़ लेते हे. कई हिंदी चैनल्स ने किरण का करिश्मा चलाया . मगर उस करिश्मा के पीछे किसी और बड़े नेता का करिश्मा काम कर रहा था. हमारे शास्त्रो में लिखा हे की अगर आखिर तक सत्य को न छोडो तो सत्य की ही जीत होती हे. जैसे ही मतदान पूर्ण हुआ की अपनी साख बचाने के लिए बीजेपी के गुण गाने वाली चैनल्स एग्जिट पोल में आप की बढ़त दिखाई . नतीजा सामने हे। ये अरविन्द की निष्ठां और सचाई की जीत हे। यूपी ,ज़रखंड ,हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत नहीं हे मगर कोंग्रेश के खिलाफ देश का गुसा था। अगर मोदी साहब अलादीन के चिराग होते तो वो दिल्ही में ही बुज नहीं जाते। क्युकी दिल्ही में कोंग्रेश नहीं मगर एक सचाई और निष्ठां आम आदमी के नाम से चुनाव लड़ रही थी।वाकई देश की राजनीती बदल रही हे। मगर अरविन्द की सच्ची परीक्षा तो अब सुरु हुई हे। अगर वो सचाई और निष्ठां से लोगो की सेवा में काम चालू रखा तो वो दिन दूर नहीं की कांग्रेस की तरह देस बीजेपी मुक्त होना सुरु हो जायेगा। गुजरात में सालो से बीजेपी शाशन कर रही हे। दुनिया को लगता हे की बीजेपी ने गुजरात का विकाश कर दिया ,असल में गुजरात में बारह सालो से सुखा नहीं पड़ा हे। और हिन्दू और मुस्लिम की राजनीती से बीजेपी चुनाव जीतती आई हे. विकाश की बात करे तो गुजरात में एजुकेशन और स्वस्थ्य प्राइवेट लोगो के हाथ में दे कर जनता को राम के भरोशे छोड़ दिया हे। आज एक बच्चे को पढ़ना सालाना ५० हजार खर्च होते हे ,आप अगर बीमार हुए तो यतो आपको हजारो खर्च करना पड़ेगा अन्यथा आप सरकारी अस्पतालों में भेड बकरिया की तरह भर्ती हो जायेंगे और न चाहते हुए भी आप प्राइवेट अस्पताल में दाखिल होंगे। क्या ये गुजरात का विकाश हे ?
Friday, October 24, 2014
NAVA VARSH NA VADHAMNA
આજે નવા વર્ષ ના વધામણા થયા,લોકો આનંદ થી તહેવાર ની ઉજવણી પણ કર્તા નજરે પડ્યા।..પરંતુ જે બહારથી ખુબ સુખી દેખાય છે તેવા નેતા ઓ ના ચહેરા ઓ પર કીકી ખૂટતું હોવાના ભાવ મારી નજરે ચડ્યા,તેનું કારણ કદાચ એ પણ હોઈ સકે છે કે,અગામી બોર્ડ નિગમો માં સરકાર દ્વારા નીમ્નુકો થવાની છે તેમાં ઘણા ના પતા કાપવા ના છે ,તો ઘણા નેતા ઓ પોતા નો નંબર લાગે તે માટે પ્રયાશો કરતા નજરે ચડ્યા,બીજી બાજુ મંત્રી મંડળ ના વિસ્તરણ ના નામે પણ ઘણા નેતા ઉદાસ જણાતા હતા..ખેર અપને સુ કામ દુખી થઇએ। ..ચોલો નવા વર્ષ ની મજા માનીએ।....સૌને જય માતાજી।
Saturday, May 25, 2013
IPL fixing
,..........abhi or bhi kahi nam baki he,......salo se desh ko ye white kapde vale fixing karke loot rahe the ab to unko bhugta he ....rato ki neend gai ...chane gaya.....
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