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Sunday, April 10, 2011

नेता ओ का vikash

अकबर -बीरबल ये भारत में और अन्य राज्यों में बहोअत विकाश होने की चर्चा चल रही हे क्या ये सही हे...?बीरबल-जहापनाह इस चर्चा में अर्धसत्य हे...अकबर-मतलब -..बीरबल-जहापनाह मतलब ये हे की आज सभी नेता ओ का हजार गुना विकाश हुआ हे,इतना ही नहीं वो उन विकाश को दिखने के liye जनता के ही पेसो से चार्टर प्लेन में हररोज घूमते हे और कहते हे देखो पहेले के नेता ओ गाड़ी से आगे सोच भी नहीं सकते थे और हम .....अकबर- ओह्ह तो १२१ करोड़ जनता को मुर्ख बनाते हे---मगर एक बात हे बीरबल ये साले आज कल के नेताओ हमसे भी चालक निकले....

चुनावी फंड

चुनाव का फंड क्या लांच नहीं हे...?क्युकी सब मुसीबत यहा से तो सुरु होती हे....क्युकी चुनाव में जो पैसा(उद्योगपति से छोटे बिल्डर तक) देता हे वो लाभ भी तो लेगा ही,और जो नेता लुटाता हे वो ज्यादा पैसा इकठा तो करेगा ही ...तो क्यों न ये फंड बंध किया जाये....

अकबर -

अकबर-बीरबल भारत का क्या हाल हे, बीरबल-जहापनाह भारत में अन्ना हजारे की मुहीम ने भ्रस्त नेता ओ की नींद उड़ा दी हे,-अकबर-अच्छा ये अन्ना हजारे कोण हे,-बीरबल-साहब ये अन्ना हजारे सब नेता ओ का बाप हे,विरोध पक्ष से लेकर सब नेता ओ ने नहीं किया वो सिर्फ जंतर मंतर के पास चार दिन में अन्ना ने कर दिखाया,और अब लोग भी उसे सत्य के साथ चलने वाला छोटा गाँधी कहते हे....

Tuesday, April 5, 2011

संसद में फिक्सिंग करने वालो को साफ करने की जरुरत...

आज से कुछ साल पहेले क्रिकेट में फिक्सिंग करने वालो को साफ करने की वजह से आज देश वर्ल्ड कप जित कर आया उसी तरह संसद में भी फिक्सिंग करने वालो को साफ करने की जरुरत हे ताकि अगले पाच सालो में देश का तरक्की में भी प्रथम क्रमांक पर हो जाय...सही कहा ना ?

देश का नाम....

संसद में बेठे ५४५ धुरन्धरो ने नहीं किया वो धोनी के पंद्रह धुरंधरो ने कर दिखाया -,इससे ये फलित होता हे की -संसद में बेठे ५४५ ने देश का नाम लुटने में ऊँचा किया और धोनी के पंद्रह सेनापति ओ ने तिरंगा लहेरकर देश का नाम ऊँचा किया... अब तो सीखो संसद वालो...

सुनो गोर से ......

क्या फिर से भारत उसे गुलामी की जंजीरों में जकड़ने जा रहा हे,जिसे तोड़ने के लिए हमारे न जाने कितने क्रांतिवीरो और लक्ष्मी बाई जेसी वीरांगना ओ ने अपनी जान तक कुर्बान कर दी हे,आज देश में अंग्रेजो जेसे कानून बनते जा रहे हे और एसा न करने के लिए ७३ साल के अनन्ना हजारे जे से समाज सेवको को अनशन पर बेठना पड़ता हे,क्या ये लोकशाही हे? आज देश में हर तरफ भ्रष्टाचार हो रहा हे और करनेवालों ऐ .सी.कार में घूम रहे हे,उह्योग पति ओ सर्कार चला रहेहे और आम जनता महेंगाई से निपटने के लिए आत्मदाह करती हे,देश के असी प्रतीसद लोग गरीबी से जुज़ रहेहे और करोर पति नेता ओ अपनी तन्खाई से लेकर जनता के पेसो से नई नई कार बढ़ाते जा रहे हे और उस खर्चे को पहुचने के लिए और आम आदमी पर टैक्स डालते जा रहे हे,आज आम आदमी को न्याय मागने पर भी मोत मिलती हे और गुन्हेगारो को सजा सुनाने वालो के घर पार्टीया मिलती हे,गलत करने वालो से सामने कोई आवाज नहीं उठता और उठता हे उसकी आवाज सदा के लिए बंध कार दी जाती हे,और बंध करने वालो को कभी सजा ही नहीं मिलती उतना ही नहीं खुले आम घूमते भी हे ताकि और कोई आवाज न उठाये फिर भी हमारा देश तार्कि करता हे इसे आकडे भी दिए जाते हे देखो गोरसे दुनिया वालो ये हे भारत और उनके राज्यों की सही कहानी ,आपका सुक्रिया हे की आप अंग्रेजो की तरह बुरी नजर नहीं डालते वर्ना ये नेतो ओ तो आज भी भारत को बेचने के लिए बेचेन हे,(क्रिकेट कप जीतता हे देश तो सरे देश में खुसिया मनाई जाती हे और वभी रस्ते पर आ कार ,मगर देश में चल रहे भ्रस्ताचार,लुट्फत वगेरे के सामने एक भी आदमी रस्ते पे नहीं आता,--जय हिंद

Tuesday, March 22, 2011

क्या नेता ओ की सपथ ग्रहण समारो हे में अपने परिवार की सपथ लेनी चाहिए...?

भारत देश में जब कोई नेता मंत्री बन्नने से पहेले वो देश के उन्ती करने की सपथ लेता हे,मगर अब एसा नहीं लगता की मंत्री बनने से पहेले उनको अपने पुरे परिवार की कसम खानी चाहिए...क्यों की वेसे तो सपथ हर मंत्री लेता हे मगर भर्ष्टाचार से कोई आबाद नहीं रहेता ....तो क्या अप मानते हे की हा सभी मंत्री,न्यायधीश,से लेकर पुलिस तक सबको अपने गलत न करने के लिए अपने परिवार की सपथ लेनी चाहिए...?क्यों की इसे तरह से तो देश बिकने में तो तोमे लगेगा मगर बर्बाद जरुर होजएगा॥ और भुगता न आम जनता को पड़ेगा....