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Monday, July 4, 2011

आज के नेता ओ की हकिकत ,भगवान की नजर में

भगवान सोच रहा था की कुछ आत्मा ओ का पुन्य इतना बढ़ गया की अब क्या किया जाये,तब वहा नारद जी आए और भगवान से पूछा -नारायण नारायण ,प्रभु क्या बात हे चिंता में लग रहे हो,भगवान -हा मुनिवर में सोच रहा था की इन आत्मा ओ का पुन्य इतना बढ़ गया की वो महात्मा के लायक हो ने जा रहेहे ,-नारदमुनी-प्रभु तो आप इन आत्मा ओ की भारत देश के नेता (पोलिटिसियन)क्यों नहीं बना देते,एक ही जन्म में उनके पुन्य को जलाकर ,दश जन्मो के पाप इकठा कर लेंगे , भगवान -अरे वह मुनिवर अपने मेरी चिंता दूर ही कर दी,-और फिर भारत में वो आत्मा इ पाप इकठा कर ने के लिए आ गई .....जय हिंद

Thursday, June 30, 2011

छोटा बचा चला स्कूल ...

हम अपने बचो को क्यों पाच साल से पहेले ही पढाई में लगा देते हे,जे से की जू.केजी विगेरे ....उनके खेल कूद ने के समय को हम केसे चूर कर देते हे....हम ये नहीं सोचते की फिर उन्हें ये समय नहीं मिलेगा....काश एसी स्पर्धा नहीं होती.....या हमारे जेसे स्वार्थी लोग

बस और ज्यादा नहीं

भोली जनता ये नहीं समज पाती की ,किसी भी पक्ष या नेता को ,ज्यादा से ज्यादा दश साल तक ही साशन देना चाहिए(वेसे तो पाच साल तक ही देना चाहिए इससे जयादा दिया तो samjo महेंगाई आयेगी और गरीब बढ़ेंगे ,उतना ही नहीं ये नेता लोग सता के नशे में इतने चूर हो जायेंगे की उन्हें पेसे और पेसेवालो के सिवाय कुछ दिखाई नहीं देगा..)

Thursday, June 9, 2011

परदे के पीछे

परदे के पीछे ...एक काल्पनिक हकिकत -बाबा का अनशन चल रहा था तब कांग्रेश के नेता लोग अपश में बात कर रहे थे,कपिल सिम्बल-अरे यार ५ बज गए बाबा ने अनशन नहीं तोडा-,चिदमरम -बाबा के साथ बीजेपी और आर एस एस जुदा हुआ हे,-कपिल -तो क्या करेंगे ,चिदंबरम-करना क्या हे,वही जो करना चाहिए,ताकि इसे आन्दोलन करने से दुसरे भी दर जाये,कपिल ठीक हे तो करे प्लान....(दुसरे दिन )कपिल-बाबा का ठीक हो गया मगर अन्ना का क्या करे-चिदंबरम -उसे कोई नहीं हिला सकता...क्युकी वो हमारी तरह खाता थोडा ही न हे....

केंद का जूठ

केंद्र में बेठे कपिल सिम्बल से लेकर सभी नेता एक ही गाना गा रहेथे की इ.राजा से लेकर सभी 2g में निर्दोष हे,मगर सुप्रीम कोर्ट की वजह से सभी जेल में हे,तो बिना तलाश किये हुए ऐसे पद से जूठ बोलने वाले को क्या सजा देनी चाहिए?

अन्ना का अनशन

अनशन हो तो सिर्फ अन्ना जेसा वर्ना ना हो......

सरकार की चल

तेल के दाम बढ़ने में सरकार ये कहेते हुए जनता को बेवकूफ बनाति हे ,की तेल कम्पनियों को घाटा होता हे,मगर सरकार के अमल्दारो और नेता ओ ने जेसे ही दाम बढे उनका टैक्स भी बढ़ जाये एसा नियम बनाये बेठे हे और फिर कहेते हे घाटा हो रहा हे...सरकार को ५ साल से ज्यादा सता ही नही देनी चाहिए...