गुजरात में राजकीय पार्टी ओ के कहलाने वाले नेता ओ अपने और अपने परिवार के नाम पे हजारो एकर जमीन खरीद कर बेथ गए हे,और अब उधोग अने का इंतजार कर रहे हे ताकि वो मालामाल हो जाये और गरीब किशन बिना खेत का हो जाये,फिर दाना पानी का भाव भी उद्योग पति तय करेंगे की गेहू कितने में बेचना हे,,(क्या यह जनता की सेवा हे या जनता का शोषण ?)
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very nice